चित्रों में प्रस्तुत किया बीएचयू का कुलगीत

बीएचयू में चित्र प्रदर्शनी का कुलपति ने किया शुभारंभ

वाराणसी (निष्पक्ष लोकवाणी)।

मालवीय जी की 160वीं जयन्ती के अवसर पर भारतीय वैज्ञानिक पद्मविभूषण डॉ शान्ति स्वरूप भटनागर द्वारा रचित बीएचयू कुलगीत पर वैदिक विज्ञान केन्द्र की छात्रा नेहा सिंह द्वारा बनायी गयी 11 चित्रकलाओं की प्रदर्शनी का शुभारम्भ कुलपति (प्रभारी) प्रो. वीके शुक्ल ने किया। कुलपति ने कुलगीत को चित्रों में उतारने के लिए नेहा सिंह की प्रशंसा की। कुलगीत में प्रतीचि प्राची का मेल सुन्दर की संकल्पना को विशेष रूप से रेखांकित किया गया, जो महामना की मूल संकल्पना थी।

11 विशेष चित्रकलाओं में सर्वविद्या की राजधानी, तीनों लोकों से न्यारी काशी, नये नहीं हैं ये ईंट पत्थर, है विश्वकर्मा का कार्य सुन्दर, बिके हरिश्चन्द्र थे यहीं पर, यह ब्रह्मविद्या की राजधानी, यह राज ऋषियों की राजधानी, सुरम्य धाराएं वरुणा अस्सी, प्रतीचि प्राची का मेल सुन्दर, यह मालवीय जी की देशभक्ति आदि पंक्तियों को विशेष रूप से रेखांकित करते हुए चित्र के माध्यम से दर्शाया गया है। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. नीरज त्रिपाठी, संस्कृतविद्या धर्मविज्ञान संकाय के संकाय प्रमुख प्रो. कमलेश झा, प्रो. प्रभाकर उपाध्याय, प्रो. मृत्युंजय देव पाण्डेय, डॉ सुनील कुमार मिश्रा, डॉ. श्रवण कुमार शुक्ला, डॉ. राजेश सिंह, डॉ. कुमकुम पाठक, पवन कुमार मिश्र एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।