Varanasi (Live Lokvani)
ये है भगवान और भक्त का प्रेम कि जगत के पालन हार भगवान जगन्नाथ को भक्त इतना नहला देंगे कि वह बीमार पड़ जाएंगे। बीमारी गंभीर होगी जिसके चलते 15 दिनों तक इलाज चलेगा। इस दौरान मंदिर के कपाट बंद रहेंगे। पूजन-अर्चन भी नहीं होगा। बीमार भगवान को इलाज के तौर पर जड़ी-बूटी दी जाएगी। मेवा, मिश्री, तुलसी, लौंग, जायफर के औषधीय काढ़े का भोग भगवान को अर्पित किया जाएगा।
औषधीय काढ़े के भोग से भगवान को स्वस्थ करने के जतन किए जाएंगे। भगवान के स्वस्थ होते ही निकलेगी भव्य पालकी यात्रा और आरंभ हो जाएगा काशी के प्रसिद्ध लक्खी मेलों में शुमार रथयात्रा मेला। प्रभु के प्रति अटूट आस्था और विश्वास का ऐसा उदाहरण और कहीं नहीं मिलेगा कि भक्त अपने प्रभु को बीमार मानकर एक नन्हे शिशु की तरह उनकी सेवा करेंगे। जड़ी-बूटियों का काढा पिलाया जाएगा।
साथ ही दिया जाएगा मौसमी फल और परवल का जूस। यह प्रक्रिया 15 दिनों तक चलेगी। एक पखवारे के उपचार के बाद भगवान जगन्नाथ स्वस्थ होंगे तो बड़े भाई बलभद्र जी और बहन सुभद्रा के साथ शहर की सैर पर निकलेंगे और पहुंचेंगे अपनी ससुराल।
इस साल ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा 14जून को पड़ रही है।अस्सी स्थित श्रीजगन्नाथ मंदिर में 14 जून को गर्भगृह की छत पर भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा व बलभद्र मंचारूढ़ होंगे। सुबह 5.13 बजे सूर्योदय पर मंगला आरती होगी। इसके बाद भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा व बलभद्र की स्नान यात्रा प्रारंभ की जाएगी। दोपहर 12 से रात 11 बजे तक जलाभिषेक होगा जिससे भगवान अस्वस्थ हो जाएंगे। इसके बाद स्वास्थ लाभ के लिए वे अज्ञातवास में चले जाएंगे।
मंदिर कपाट 29 जून तक बंद रहेगा। बीमार भगवान को इलाज के तौर पर जड़ी-बूटी दी जाएगी। मेवा, मिश्री, तुलसी, लौंग, जायफर के औषधीय काढ़े का भोग भगवान को अर्पित किया जाएगा। डोली यात्रा के लिए 30 जून को सुबह पांच बजे पट खुलेगा। सुबह 5.30 बजे मंगला आरती व भजन होगा।
सुबह आठ बजे दूध का नैवेद्य तो सुबह 10 बजे महा प्रसाद नैवेद्य दिया जाएगा। दोपहर 12 से तीन बजे तक पट बंद रहेगा। पट खुलने पर कपूर आरती व गंगा जल आचमन होगा। दोपहर 3.30 बजे से डोली श्रृंगार किया जाएगा। शाम चार बजे भगवान के विग्रह को डोली में विराजमान कर यात्रा जगन्नाथ मंदिर से निकलेगी। दुर्गाकुंड, नवाबगंज, राम मंदिर काश्मीरीगंज, खोजवां, शंकुलधारा, बैजनत्था, कमच्छा से पंडित बेनीराम बाग (शापुरी निवास) रथयात्रा जाएगी।
शाम पांच बजे यूनियन बैंक रथयात्रा के सामने प्रभु के रथ की पूजा व आरती होगी। पंडित बेनीराम बाग से श्रीपंचमुखी हनुमान की पूजा व आरती के बाद यूनियन बैंक से निराला निवेश तक के लिए बिना विग्रह रथ का प्रस्थान होगा। मध्य रात्रि तीन बजे ठाकुर जी के विग्रह रथ पर विराजमान होंगे।
अगले दिन सुबह एक जुलाई को 5.11 बजे आरती के साथ दर्शन प्रारंभ होगा। सुबह नौ बजे छौंका मूंग-चना, पेड़ा, गुड़ व देसी चीनी के शर्बत का भोग लगेगा। दोपहर 12 बजे भोग व आरती के बाद पट बंद हो जाएगा। इसके बाद परंपरागत भोग (पूड़ी, कोहड़े की सादी सब्जी, दही, देसी चीनी व कटहल व आम के अचार का भोग लगाया जाता है। काशी का प्रसिद्ध लक्खी मेले में शुमार रथयात्रा मेला तीन जुलाई तक चलेगा।