प्राचीन शहर में नूतन बिल्डिंग,
बन रही दमदार है।
बेसमेंट से लेकर बहुमंजिले,
इमारतों की भरमार है।।
सरकारी कर्मचारी मालिकों को,
नियम बता समझाते हैं।
समय-समय पर दोहन के लिए,
भूमिका खूब बनाते हैं।।
नियम और नक्शा,
कागज पर विराजमान है।
जैसे चाहो, वैसा बनाओ,
करते यह व्यवस्था का अपमान हैं।।
बाबू से अधिकारी तक,
मिल एनओसी दिलाते हैं।
जब दुर्घटना हो जाती है,
अधिकारी मौके पर आते हैं।।
जांच का फरमान सुनाते हैं,
जब हकीकत सामने आती है।
जांच अधिकारी जनता पर ही,
चाबुक चलाता है।।
जांच में बचाने के नाम पर,
खुद मलाई खाता है,
व कुछ औरों को खिलाता है।
हर पग पर शोषण तो,
सिर्फ आम इंसान का ही होता है।।
नियम बनाने वाला तो कुम्भकर्णी नींद सोता है,
चुनाव के समय सभी नेता,
ईमानदारी का जुमला सुनाते हैं।
लगता है सरकार बनते ही,
सभी विभाग नेता संग मिल,
खाते और खिलाते हैं।।