नन्हें-मुन्नो का, भविष्य से जंग
कठिन डगर पर नन्हे-मुन्ने,
खतरों से है खेल रहें।
शिक्षा माफिया माता-पिता पर,
अपने फ़रमान रेल रहें।
भविष्य देश का खतरे में है,
इनकी सुरक्षा कौन करेगा…?
घर से निकले इस बच्चों की,
सड़क पर रक्षा कौन करेगा…?
शिक्षा के मंदिर में,
स्कूल माफियाओं का आतंक है।
मनमाने फ़ीस का आर्डर,
एक जहरीला डंक है।
ड्रेस से लेकर पुस्तक कॉपी का,
सेट कमीशन का बैंक है।
फ्यूचर बच्चों का बनाना है,
तो अच्छे स्कूल में पढ़ाना है।
टैम्पों, ई-रिक्शा, वैन से,
स्कूल जाने की पाबंदी है।
पुलिस, प्रशासन और आरटीओ को,
इस नियम की जानकारी है।
घटना के इंतेज़ार में सोये रहना,
कर्तव्य निष्ठा में गद्दारी है।
सावधान हो सरकारी अमला,
वरना तेरे अपनों की बारी है।
सड़को पर नन्हें-मुन्नो का,
भविष्य से जंग जारी है…….
– व्यंगकार