Varanasi (Live Lokvani)
जगत के नाथ भगवान जगन्नाथ का जलाभिषेक मंगलवार को परंपरानुसार संपन्न हुआ। अस्सी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में प्रभु भक्तों के प्रेम से इतने पग गए कि उन्हें मना नहीं किया और खूब स्नान किया। फलत: वे बीमार पड़ गए और विश्राम को चले गए। प्रभु जगन्नाथ और भक्तों की यह प्रेम व श्रद्धा लोक में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा की पटकथा की पूर्व पीठिका रचती है जो भूतभावन भोलेनाथ की नगरी में भी सौ वर्षों से ज्यादा हर वर्ष निभाई जाती है।
प्रातः काल तीन बजे से ही पट खुलने के पूर्व ही प्रभु जगन्नाथ के भक्त जगन्नाथ मंदिर गंगाजल लेकर पहुंच गए थे। भगवान जगन्नाथ, भईया बलभद्र और बहन सुभद्रा की काष्ठ प्रतिमाओं का विधिवत शृंगार किया गया। पट खुलते ही स्न्नान का जो क्रम चला देर शाम तक चलता रहा। इस वर्ष यह पर्व इसलिए महत्वपूर्ण है कि कोरोना संक्रमण के कारण दो वर्ष बाद रथयात्रा मेला शुरू होगा। इस दौरान मंदिर परिसर के बाहर भक्तजन डमरू वादन व भगवान का जयकारा लगाकर अपने भक्ति का श्रद्धा को प्रदर्शित कर रहे थे।
एक पखवारे तक भक्तों को नहीं देंगे दर्शन
मंदिर के पुजारी जगन्नाथ पांडेय ने बताया कि भगवान अत्यधिक स्नान के कारण प्रतीक रूप से बीमार पड़ गए। अब भगवान एक पखवारे तक भक्तों को दर्शन नहीं देंगे। उन्हें काढ़ा आदि का भोग लगाया जाएगा। बीमार भगवान को इलाज के तौर पर जड़ी-बूटी दी जाएगी। मेवा, मिश्री, तुलसी, लौंग, जायफर के औषधीय काढ़े का भोग भगवान को अर्पित किया जाएगा। आषाढ़ी अमावस्या को भोर में पट खोला जाएगा और दर्शन शुरू होगा।
मनफेर पर निकलेंगे भगवान
डोली यात्रा के लिए 30 जून को सुबह पांच बजे पट खुलेगा। सुबह 5.30 बजे मंगला आरती व भजन होगा। सुबह आठ बजे दूध का नैवेद्य तो सुबह 10 बजे महा प्रसाद नैवेद्य दिया जाएगा। दोपहर 12 से तीन बजे तक पट बंद रहेगा। पट खुलने पर कपूर आरती व गंगा जल आचमन होगा। दोपहर 3.30 बजे से डोली श्रृंगार किया जाएगा। शाम चार बजे भगवान के विग्रह को डोली में विराजमान कर यात्रा जगन्नाथ मंदिर से निकलेगी। दुर्गाकुंड, नवाबगंज, राम मंदिर काश्मीरीगंज, खोजवां, शंकुलधारा, बैजनत्था, कमच्छा से पंडित बेनीराम बाग (शापुरी निवास) रथयात्रा जाएगी।
लगेगा तीन दिवसीय मेला
शाम पांच बजे यूनियन बैंक रथयात्रा के सामने प्रभु के रथ की पूजा व आरती होगी। पंडित बेनीराम बाग से श्रीपंचमुखी हनुमान की पूजा व आरती के बाद यूनियन बैंक से निराला निवेश तक के लिए बिना विग्रह रथ का प्रस्थान होगा। मध्य रात्रि तीन बजे ठाकुर जी के विग्रह रथ पर विराजमान होंगे। अगले दिन सुबह एक जुलाई को 5.11 बजे आरती के साथ दर्शन प्रारंभ होगा। सुबह नौ बजे छौंका मूंग-चना, पेड़ा, गुड़ व देसी चीनी के शर्बत का भोग लगेगा। दोपहर 12 बजे भोग व आरती के बाद पट बंद हो जाएगा। इसके बाद परंपरागत भोग (पूड़ी, कोहड़े की सादी सब्जी, दही, देसी चीनी व कटहल व आम के अचार का भोग लगाया जाता है। काशी का प्रसिद्ध लक्खी मेले में शुमार रथयात्रा मेला तीन जुलाई तक चलेगा।